3डी टीवी में जुड़ी एक और अनोखी तकनीक
3डी टीवी में जुड़ी एक और अनोखी तकनीक
3डी फिल्मों के बाद अब 3डी यानी त्रिआयामी टीवी सैट बाज़ार में उपलब्ध हो चुके हैं और कुछ 3डी चैनल [जैसे कि डिस्कवरी 3डी और नेट जीयो 3डी] प्रसारण शुरू करने की तैयारी में है. पश्चिमी देशों में यह तकनीक और 3डी टीवी चैनल पहले से ही उपलब्ध है. अब इस माध्यम को गेमिंग के साथ जोड़कर इसे एक नया आयाम देने का प्रयास किया गया है.
जापान के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड इंडस्ट्रीयल साइंस एंड टेक्नोलोजी के वैज्ञानिकों ने i3Space तकनीक विकसित की है. इस तकनीक की मदद से कोई भी व्यक्ति टीवी पर प्रसारित हो रही 3डी छवियों को अपनी उंगलियों के इशारों पर तोड़मरोड़ सकता है, उन्हें दबा सकता है और खींच सकता है.
कैसे काम करती है यह तकनीक?
इस तकनीक में एक विशेष 3डी टीवी सैट और 6 मोशन डिटेक्टर कैमेरा एक साथ काम करते हैं. ये कैमेरा दर्शक की उंगलियों पर नज़र रखते हैं. दर्शक अपनी तर्जनी उंगली पर एक क्लिप पहनते हैं. इसके बाद जब भी वे किसी दृश्य के पास अपनी उंगली ले जाते हैं तो वांछित नजदीकी प्राप्त होते ही वह क्लिप कम्पन करने लगती है. इससे दर्शक जान जाते हैं कि उनकी उंगली अब उस दृश्य [दृश्य में दिखाई जा रही छवि] को छू रही है. इसके बाद वे अपनी उंगली हिलाते हैं तो उस हिसाब से वह छवि अपना आकार बदलने लगती है.
इस तकनीक को विकसित करने वाले संस्थान के प्रवक्ता ने कहा कि - ऐसा पहली बार हुआ है जब आप हवा में तैर रही छवियों [आभासी] को छू पा रहे हैं. यह तकनीक आभासी वातावरण को और भी अधिक वास्तविक बनाती है. अब आप इन आभासी तस्वीरों को महसूस कर सकते हैं और उन्हें हिला-डुला और तोड़ मरोड भी सकते हैं.
कहाँ काम आएगी यह तकनीक?
यह तकनीक गेमिंग के क्षैत्र में काफी उपयोगी साबित हो सकती है. यह तकनीक जायरोक्यूबसेंसुअस इंटरफेस पर आधारित है जिसे इस संस्थान ने 2005 में विकसित किया था.
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