माइक्रोसोफ्ट की नई टचस्क्रीन तकनीक
माइक्रोसोफ्ट ने एक नई तकनीक विकसित की है जिसकी मदद से प्रयोक्ता डिवाइज की स्क्रीन पर दिख रहे चित्रों पर प्रदर्शित टेक्ष्चर, उभार और खुरदुरी सतह को महसूस कर पाएंगे.
यदि यह तकनीक लोकप्रिय होती है और परीक्षणों में सफल रहती है तो इसका इस्तेमाल मोबाइल फोनों में भी होने लगेगा और एक दिन कीपैड वाले मोबाइल फोन भूतकाल की बात हो जाएंगे. क्योंकि तब स्क्रीन पर ही उभरने वाले कीपैड का इस्तेमाल करना एकदम सरल हो जाएगा.
परंतु माइक्रोसोफ्ट ने इस तकनीक को फिलहाल अपने टेबल डिवाइज़ सर्फेस के लिए तैयार किया है. सर्फेस एक बडा कम्यूटिंग डिवाइज़ है जो टेबलनुमा है. टेबल की सतह पर स्क्रीन लगी होती है और नीचे रखा एक प्रोजेक्टर तस्वीरों को प्रोजेक्ट करता है. वहीं पर लगे कैमरे प्रयोक्ता की उंगलियों के क्षैत्र को इंफ्रारेड तकनीक के माध्यम से चिह्नित करते हैं और इस तरह से टचस्क्रीन सुविधा प्रदान की जाती है.
अब सर्फेस प्रयोक्ता स्क्रीन के ऊपर दिख रहे चित्रों को ना केवल देख पाएंगे बल्कि महसूस भी कर पाएंगे. माइक्रोसोफ्ट ने जिस तकनीक को पेटेंट करवाया है उसमें पिक्सल साइज़ के पोलिमर लगाए गए हैं, जो पराबैंगनी किरणों की तरंगों के हिसाब से खुद को कठोर या मुलायम बनाएंगे. इससे सतह के टेक्ष्चर को महसूस किया जा सकेगा.
इससे कम्प्यूटिंग और भी सरल और वास्तविक बन जाएगी.
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