एक ऐसी दवाई जो बुढापे को रिवर्स गीयर में डाल दे
जरा सोचिए कभी ऐसा हो तो.. एक बुजुर्ग व्यक्ति की ढीली पड चुकी चमडी फिर से सख्त होने लग जाए, चेहरे की झुर्रियाँ खत्म हो जाए, बाल फिर से आने लगे, झुकी हुई कमर फिर से सीधी हो जाए... यानी की बुढापा रिवर्स गीयर में चला जाए.
एक वैज्ञानिक ने इस चमत्कार को सत्य साबित कर दिया है. हावर्ड विश्वविद्यालय के ओंकोलोजिस्ट रोनाल्ड डिपीन्हो और उनकी टीम ने अपनी शोध के बाद पाया की एक विशेष एंजाइम को प्रभावित कर बढती उम्र के असर को रोका जा सकता है. इससे इंसान दीर्घायु प्राप्त कर सकता है और उसका बुढापा भी "जवानी" की तरह बीत सकता है. यही नहीं इससे कई घातक बीमारियों जैसे कि अल्ज़ायमर और हृदय संबंधित बीमारियों के होने का खतरा घट जाता है.
परीक्षण -
इस शोध के लिए एक बुढे चूहे को एक विशेष ड्रग दिया गया. दो महिने के ड्रग सेवन के दौरान उसके शरीर के एक एंजायम को प्रभावित किया गया और इससे उसके शरीर में नए कोष जन्म लेने लगे. उसकी चमडी कठोर हो गई. यही नहीं उसकी प्रजनन क्षमता भी फिर से सुचारू हो गई और उसने कई बच्चों को जन्म भी दिया.
टेलोमेरेज़ -
यह शोध जिस आधार पर विकसित की गई है वह है शरीर में पाए जाने वाले टेलोमेरेज़. ये बायोलोजिकल घडियाँ होती हैं जो क्रोमोज़ोम को खत्म होने से रोकती है. समय के साथ ये छोटी और छोटी होती रहती हैं और इससे उम्र संबंधित बीमारियाँ होने लगती है. धीरे धीरे टेलोमेरेज़ इतनी छोटी हो जाती है कि कोष मरने लगते हैं. टेलोमेराज़ नामक एंजायम टेलोमेर को फिर से जागृत कर सकता है परंतु वह शरीर में बंद किया हुआ होता है. डिपीन्हो की टीम ने इस एंजायम को जागृत करने में सफलता पाई और इससे टेलोमेर फिर से जागृत हुए और कोषों में भी नवजीवन का संचार हुआ.
तो क्या बुढापा अब दूर की कौड़ी होगा -
नहीं. इस शोध से यह पता चला है कि एक विशेष एंजायम को प्रभावित कर कोषों में नया जीवन भरा जा सकता है. झुर्रियाँ हटाई जा सकती है और इंसान स्वस्थ महसूस कर सकता है. परंतु उम्र के बढने के साथ कई और लक्षण भी उत्पन्न होते हैं जिन्हें नहीं रोका जा सकता. यानी कि इंसान की अवश्यम्भावी मृत्यु को तो नहीं रोका जा सकता परंतु उसे दुखदायी बनने से रोका जा सकता है.
परंतु इसका अभी और परीक्षण होना बाकी है.
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